शादी की सालगिरह पर परिवार समेत गंगा आरती में शामिल हुए झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी शादी की सालगिरह पर शुक्रवार को वाराणसी पहुंचे। चार्टर्ड विमान से बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचने के बाद वह सीधे नदेसर स्थित ताज गंगेज होटल पहुंचे और कुछ देर विश्राम करने के बाद गंगा आरती में शामिल हुए। गंगा आऱती के बाद वह बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने पहुंचे। शनिवार को विंध्याचल धाम जाकर विंध्यावासिनी के दरबार में मत्था टेकने का भी कार्यक्रम है।
वाराणसी आने से पहले सोरेन ने ट्वीटर पर पत्नी के साथ फोटो शेयर करते हुए लिखा कि आज हमारे विवाह को 14 वर्ष हो गए। राजनीतिक जीवन में आने के बाद मेरे उतार-चढ़ाव भरे संघर्षपूर्ण सफ़र में हमजोली रही मेरी धर्मपत्नी कल्पना, आज की मेरी सफलता में अहम योगदान रखती है।
आज हमारे विवाह को 14 वर्ष हो गए।
राजनीतिक जीवन में आने के बाद मेरे उतार-चढ़ाव भरे संघर्षपूर्ण सफ़र में हमजोली रही मेरी धर्मपत्नी कल्पना, आज की मेरी सफलता में अहम योगदान रखती है।
हेमंत सोरेन शाम करीब पौने चार बजे पत्नी और बच्चों के साथ एयरपोर्ट पहुंचे। एसपी ग्रामीण ने एयरपोर्ट पर उनकी अगवानी की। इसके बाद कई कारों के काफिले के साथ उनकी फ्लीट होटल ताज पहुंची। झारखंड में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पहली बार वह काशी पहुंचे हैं।
गंगा आरती में शामिल होते हुए उन्होंने कहा कि मुझे और पहले ही काशी आना चाहिए था। माता गंगा की आरती का दिव्य अवसर मेरे हृदय में बस गया है। इससे पूर्व गंगा आरती की चर्चा बहुत सुनी थी लेकिन इस आरती में शामिल होने के बाद इसकी मूल भव्यता और दिव्यता दोनों की अनुभूति हुई।

दशाश्वमेध घाट पर होने वाली दैनिक गंगा आरती की पूर्णता के बाद गंगा सेवा निधि की ओर से सम्मान किए जाने के दौरान अपने मनोभाव व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि काशी देवनगरी क्यों है, इसे महसूस करने के लिए यहां आना ही होगा। गंगा आरती के दौरान मैंने एक सकारात्मक ऊर्जा महमसू की। गंगा के घाट पर इतनी समय पहली बार बिताने का अवसर पाकर हम सभी खुश हैं।
गंगा आरती के बाद हेमंत सोरेन परिवार के साथ काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन के लिए पहुंचे। मन्दिर में अर्चक श्रीकांत मिश्र ने षोडषोपचार दर्शन पूजन कराया। बाहर आने के बाद पूरे परिवार ने रक्षा बांधा फिर बाबा शिखर को देखते हुए नमन किया। मन्दिर की तरफ से उन्हें अंग वस्त्रम, रुद्राक्ष माला और बाबा का प्रसाद दिया गया।